Punjab news: लुधियाना में स्कूल बस की चपेट में आने से छात्रा की मौत, प्रिंसिपल गिरफ्तार, परिजनों का धरना जारी
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Punjab news: लुधियाना के बीसीएम स्कूल में सात वर्षीय छात्रा, अमायरा सूद, की मौत के मामले में स्कूल प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर परिजनों का धरना आखिरकार रंग लाया। पुलिस ने घटना के लगभग छह दिन बाद स्कूल प्रिंसिपल डीपी गुलेरिया को गिरफ्तार कर लिया। इससे पहले बस चालक सिमरनजीत सिंह को गिरफ्तार किया जा चुका था, लेकिन परिजन प्रिंसिपल और प्रबंधन के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की मांग पर अड़े हुए थे।
घटना का विवरण
यह दर्दनाक घटना सोमवार को स्कूल परिसर के अंदर हुई, जब सात वर्षीय अमायरा स्कूल बस की चपेट में आ गई। परिजनों ने आरोप लगाया कि स्कूल ने सुरक्षा के उचित प्रबंध नहीं किए थे, जिससे यह हादसा हुआ।
अमायरा के पिता अनुराग सूद ने बताया कि स्कूल में प्रवेश के समय बस मालिक के रूप में सुरिंदर सिंह का नाम बताया गया था, लेकिन हादसे के समय बस को सिमरनजीत सिंह चला रहा था। उन्होंने स्कूल प्रबंधन, प्रिंसिपल और बस चालक पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए स्कूल ने कोई व्यवस्था नहीं की थी।
प्रिंसिपल और प्रबंधन पर गंभीर आरोप
अमायरा के परिजनों ने प्रिंसिपल डीपी गुलेरिया और स्कूल प्रबंधन पर सबूत मिटाने का गंभीर आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि घटना के तुरंत बाद खून के निशान और टायर के निशान धो दिए गए। इसके अलावा, सीसीटीवी फुटेज भी डिलीट कर दी गई। परिजनों का कहना है कि यह सब स्कूल प्रिंसिपल के आदेश पर किया गया।
परिजनों का धरना और पुलिस की कार्रवाई
इस घटना के बाद अमायरा के परिवार ने न्याय की मांग को लेकर धरना दिया। सोमवार रात से ही परिवार पुलिस थाने के बाहर बैठा था और प्रिंसिपल की गिरफ्तारी की मांग कर रहा था। मंगलवार सुबह भी परिजनों ने धरना जारी रखा, जिससे पुलिस पर दबाव बढ़ा।
पुलिस ने पहले बस चालक सिमरनजीत सिंह को गिरफ्तार किया और उसके खिलाफ मामला दर्ज किया। इसके साथ ही, स्कूल प्रिंसिपल और प्रबंधन के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया। परिजनों के दबाव के बाद पुलिस ने आखिरकार प्रिंसिपल डीपी गुलेरिया को गिरफ्तार कर लिया।
परिवार का दर्द और न्याय की मांग
अमायरा के पिता ने इस हादसे को स्कूल की लापरवाही का नतीजा बताया। उनका कहना था कि अगर स्कूल ने बच्चों की सुरक्षा के लिए उचित कदम उठाए होते तो उनकी बेटी आज जिंदा होती। उन्होंने कहा कि स्कूल बस को परिसर में प्रवेश की अनुमति तो दी गई, लेकिन बच्चों की सुरक्षा के लिए कोई गार्ड या स्टाफ तैनात नहीं किया गया।
परिजनों ने यह भी आरोप लगाया कि हादसे के बाद स्कूल ने सबूतों को मिटाने की कोशिश की, ताकि अपनी जिम्मेदारी से बच सके। उन्होंने प्रबंधन पर सीसीटीवी फुटेज डिलीट करने और खून व टायर के निशान धोने का आरोप लगाया।
स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया
इस हादसे के बाद स्थानीय लोग भी आक्रोशित हैं। उन्होंने स्कूल प्रबंधन की लापरवाही की आलोचना की और बच्चों की सुरक्षा के लिए सख्त कदम उठाने की मांग की। उनका कहना है कि स्कूल परिसर में सुरक्षा मानकों का पालन होना चाहिए और इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए कठोर कदम उठाए जाने चाहिए।
पुलिस की प्रतिक्रिया और जांच
पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच शुरू कर दी है। अधिकारियों ने बताया कि घटना स्थल पर फॉरेंसिक टीम को बुलाया गया और सभी सबूतों को इकट्ठा किया गया। पुलिस का कहना है कि सीसीटीवी फुटेज की जांच की जा रही है और यह देखा जा रहा है कि फुटेज डिलीट करने में कौन शामिल था।
एसएचओ ने कहा कि दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी और जांच निष्पक्ष रूप से की जाएगी। प्रिंसिपल की गिरफ्तारी के बाद, पुलिस प्रबंधन के अन्य सदस्यों से भी पूछताछ कर रही है।
न्याय के लिए संघर्ष
अमायरा के परिवार का कहना है कि यह लड़ाई उनकी बेटी के लिए न्याय पाने की है। उन्होंने मांग की है कि स्कूल प्रबंधन और प्रिंसिपल को उनकी लापरवाही के लिए जिम्मेदार ठहराया जाए। परिवार का कहना है कि वे तब तक शांत नहीं बैठेंगे जब तक दोषियों को सजा नहीं मिल जाती।
बच्चों की सुरक्षा पर सवाल
इस घटना ने स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। स्कूल प्रबंधन की लापरवाही के कारण न केवल एक मासूम बच्ची की जान गई, बल्कि यह घटना अन्य माता-पिता के लिए भी चिंता का कारण बन गई है।
सरकार और प्रशासन को चाहिए कि वे स्कूलों में सुरक्षा मानकों को सुनिश्चित करें और ऐसे मामलों में दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें।
लुधियाना के बीसीएम स्कूल में हुई इस घटना ने सभी को झकझोर कर रख दिया है। अमायरा की मौत ने यह सवाल खड़ा किया है कि क्या हमारे स्कूल बच्चों की सुरक्षा के लिए तैयार हैं? यह घटना न केवल स्कूल प्रबंधन की लापरवाही को उजागर करती है, बल्कि यह भी बताती है कि बच्चों की सुरक्षा के लिए सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है।
अब यह देखना होगा कि पुलिस और प्रशासन इस मामले में क्या कदम उठाते हैं और क्या अमायरा के परिवार को न्याय मिल पाता है। इस तरह की घटनाओं से बचने के लिए स्कूलों को अपनी जिम्मेदारियों को गंभीरता से लेना होगा और सुरक्षा मानकों का सख्ती से पालन करना होगा।